फेसबुक-जियो डील की इनसाइड स्टोरी, भारी कर्ज से रिलायंस को मुक्त करने का प्लान
प्लान
चकित करने वाली बात यह है कि यह सौदा ऐसे समय में हुआ है जब पूरी दुनिया की इकोनॉमी कोरोना वायरस के प्रकोप से डांवाडोल है. आखिर इसके पीछे रिलायंस की क्या मजबूरी हो सकती है? दोनों दिग्गज कंपनियों में एक डील हुई है जिसके तहत रिलायंस समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपये के निवेश से फेसबुक 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी
- जियो प्लेटफॉर्म्स में फेसबुक करेगी 43,574 करोड़ का निवेश
- रिलायंस इंडस्ट्रीज पर है करीब 1.53 लाख करोड़ का नेट कर्ज
- कंपनी ने मार्च 2021 तक कर्जों से मुक्त होने का लक्ष्य रखा है
रिलायंस इंडस्ट्रीज और फेसबुक ने बुधवार को एक बड़ा ऐलान किया है. दोनों दिग्गज कंपनियों में एक डील हुई है जिसके तहत रिलायंस समूह की कंपनी जियो प्लेटफॉर्म्स में 43,574 करोड़ रुपये के निवेश से फेसबुक 9.99 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. आखिर क्या है इस डील की अंदर की कहानी, आइए जानते हैं...
चकित करने वाली बात यह है कि यह सौदा ऐसे समय में हुआ है जब पूरी दुनिया की इकोनॉमी कोरोना वायरस के प्रकोप से डांवाडोल है. आखिर इसके पीछे रिलायंस की क्या मजबूरी हो सकती है? असल में जियो को खड़ा करने के लिए रिलायंस ने साल 2010 से अब तक करीब 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. लेकिन इस बार के सौदे से रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी को अपनी कंपनी को पूरी तरह से कर्जमुक्त करने की योजना को कारगर बनाने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मार्च 2021 तक पूरी तरह से कर्जमुक्त होने का लक्ष्य रखा है.
जानकारों का कहना है कि कैपिटल गेन्स और इनकम टैक्स के बाद रिलायंस को इस सौदे से अंतत: करीब 38,000 करोड़ रुपये ही हासिल होंगे.
चकित करने वाली बात यह है कि यह सौदा ऐसे समय में हुआ है जब पूरी दुनिया की इकोनॉमी कोरोना वायरस के प्रकोप से डांवाडोल है. आखिर इसके पीछे रिलायंस की क्या मजबूरी हो सकती है? असल में जियो को खड़ा करने के लिए रिलायंस ने साल 2010 से अब तक करीब 4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. लेकिन इस बार के सौदे से रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी को अपनी कंपनी को पूरी तरह से कर्जमुक्त करने की योजना को कारगर बनाने में मदद मिलेगी. गौरतलब है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज ने मार्च 2021 तक पूरी तरह से कर्जमुक्त होने का लक्ष्य रखा है.
जानकारों का कहना है कि कैपिटल गेन्स और इनकम टैक्स के बाद रिलायंस को इस सौदे से अंतत: करीब 38,000 करोड़ रुपये ही हासिल होंगे.
कंपनी ने किया है भारी खर्च
पिछले साल 11 अगस्त को रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना महासभा (AGM) में मुकेश अंबानी ने शेयरधारकों को बताया था कि पिछले पांच साल में कंपनी ने 5.4 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है. उन्होंने बताया कि इसमें से 3.5 लाख करोड़ रुपये (तब तक) जियो को तैयार करने में लगे हैं. इसके अलावा करीब 1 लाख करोड़ रुपये पेट्रोकेमिकल कारोबार के विस्तार में लगाए गए हैं.
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