ग्रीनलैंड में सबसे बड़ा ग्लेशियर टूटा, चंडीगढ़ के बराबर बर्फ की चट्टान समुद्र में दुनिया से बर्फ की मोटी परत खत्म हो रही है क्योंकि आप ग्लोबल वार्मिंग पर ध्यान नहीं दे रहे लेकिन वो आपकी गलतियों पर और धरती पर पूरा ध्यान दे रहा है. आर्कटिक के इलाके में बसे ग्रीनलैंड से एक बहुत बड़ा ग्लेशियर टूटकर बिखर गया है. यह टुकड़ा इतना बड़ा है जितना हमारे देश का प्रमुख शहर चंडीगढ़ है. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि इसी तरह इंसान ग्लोबल वार्मिंग बढ़ाते रहे तो धरती से बर्फ की परत खत्म हो जाएगी फिर हमें सूरज की खतरनाक यूवी किरणों से कौन बचाएगा? ग्रीनलैंड के इस ग्लेशियर का नाम है स्पाल्टे ग्लेशियर (Spalte Glacier). इसे 79N भी कहते हैं. इसका सबसे कठिन नाम है नियोहावजर्ड्सजॉर्डन (Nioghalvfjerdsfjorden). बर्फ के मुख्य स्रोत से जो टुकड़ा अलग हुआ है वह करीब 113 वर्ग किलोमीटर का है. लगभग इतना ही क्षेत्रफल हमारे देश में चंडीगढ़ जिले का है. इसकी तस्वीरें ली हैं यूरोपियन स्पेस एजेंसी (European Space Agency - ESA) के कॉपरनिकस (Copernicus) और सेंटीनल-2 (Sentinel-2) सैटेलाइट्स ने सैटेलाइट तस्वीरों में दिखाया गया है कि 29 जून से लेकर 24 जुलाई के बीच यह ग्लेशियर चार बार में टूटकर अलग हो गया. चंडीगढ़ के बराबर का यह टुकड़ा अब ग्रीनलैंड के उत्तरपूर्व में स्थित एक बर्फीले पानी में तैर रहा है. मुख्य ग्लेशियर से अलग होने के बाद यह बड़ा टुकड़ा दो हिस्सों में बंट गया. यह इलाका जमीन को समुद्र से जोड़ता है. 79N आइस शेल्फ यानी बर्फ की चट्टान कई सालों से दरक रहा था. 1990 से लगातार इसमें दरारें पड़ रही थीं. यह अपने मुख्य ग्लेशियर यानी स्पाल्टे ग्लेशियर से धीमे-धीमे अलग हो रहा था. 1990 से लेकर अब तक दो बार इतनी गर्मी पड़ी कि स्पाल्टे ग्लेशियर से 23 किलोमीटर के इलाके में बर्फ पिघल गई. ग्लेशियर और अलग हुए हिस्से पर आप आसानी से छोटे-छोटे तालाब देख सकते हैं. ये तालाब गर्मी की वजह से बनते हैं. इसकी वजह से समुद्र का पानी भी गर्म होता है.
Thursday, September 17, 2020
ग्रीनलैंड में सबसे बड़ा ग्लेशियर टूटा, चंडीगढ़ के बराबर बर्फ की चट्टान समुद्र में
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