हादसों के बाद हरकत में योगी सरकार, बस से बॉर्डर तक पहुंचाए जा रहे बिहार के मजदूर
साइकिल से, पैदल चलकर लखनऊ पहुंचे सैकड़ों मजदूरों को लखनऊ की शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी ले जाकर प्रशासन ने भोजन कराया. इसके बाद बिहार के निवासी श्रमिकों को बसों से बलिया से लगती बिहार सीमा तक भेजा गया.
- लखनऊ में प्रवासी मजदूरों को दिया गया खाना
- बस से बलिया रवाना किए गए बिहार के मजदूर
लॉकडाउन के दौरान जब पेट पर बन आई, तो अपनी मिट्टी से हजारों किलोमीटर दूर अन्य प्रदेशों को अपना ठिकाना बनाने वाले प्रवासी मजदूर घरों को लौटने लगे. बस और ट्रेन के पहिए भी जाम हैं, इससे ये मजदूर जान हथेली पर लेकर पैदल या साइकिल से ही चलने को मजबूर हुए. उत्तर प्रदेश के औरैया में ट्रक से घर लौट रहे 25 मजदूरों की जान गई तो हरकत में आई योगी सरकार ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश दिया कि कोई भी प्रवासी मजदूर पैदल या साइकिल से जाते नहीं दिखना चाहिए.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिलाधिकारियों को यह आदेश दिया कि प्रवासी मजदूरों को बस से उनके गंतव्य तक पहुंचाया जाए. अब सीएम योगी के फरमान का असर भी दिखने लगा है. उत्तर प्रदेश की अन्य राज्यों से लगी सीमा पर झड़प की घटनाएं सामने आई हैं, वहीं दूसरा पहलू यह है कि अब सड़कों पर पैदल दूरी नापते प्रवासी मजदूरों का रेला नहीं दिख रहा. राजधानी लखनऊ में प्रशासन ने रिलीफ कैंप बनवाए हैं, जहां पैदल या साइकिल से जाते नजर आ रहे प्रवासी मजदूरों को ले जाकर भोजन कराने के बाद बसों से उनके गंतव्य को रवाना किया जा रहा है.
राजस्थान, दिल्ली, गुजरात और अन्य राज्यों से साइकिल से, पैदल चलकर लखनऊ पहुंचे सैकड़ो मजदूरों को लखनऊ की शकुंतला मिश्रा यूनिवर्सिटी ले जाकर प्रशासन ने भोजन कराया. इसके बाद बिहार के निवासी श्रमिकों को बसों से बलिया से लगती बिहार सीमा तक भेजा गया. इनकी साइकिल भी बस के ऊपर लोड कर दी गई. इस दौरान मजदूरों को लेकर रवाना हुई एक बस शहीद पथ पर खराब हो गई. सूचना पाकर एसडीएम खुद बस लेकर पहुंचे और प्रवासी मजदूरों को दूसरी बस में सवार करा गंतव्य को रवाना किया.
बस से भेजे जा रहे मजदूरों के चेहरे पर संतोष के भाव थे कि कम से कम बिहार में प्रवेश करने तक तपती धूप में पैदल या साइकिल से नहीं चलना पड़ेगा. गौरतलब है कि मुख्य सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी किया था. मुख्य सचिव ने अपने आदेश में यह साफ कहा था कि प्रदेश के किसी भी शहर में पैदल या साइकिल से दूसरे राज्यों को जाते लोग नजर नहीं आने चाहिए. खतरनाक तरीके से बस, ट्रक में भरे लोग भी नजर न आएं. मुख्य सचिव के सख्त आदेश के बाद हरकत में आए प्रशासन ने प्रवासी मजदूरों को सुरक्षित अपनी सीमा पार कराने के लिए बसों का इंतजाम किया.
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