दुनिया जिसे देश तक नहीं मानती, वही जीत रहा है कोरोना से जंग
दुनिया के अधिकतर देश कोरोना वायरस की त्रासदी से गुजर रहे हैं. कोरोना वायरस के खतरे को नजरअंदाज करने की वजह से कुछ देश बुरी तरह इसकी चपेट में आ गए हैं, जबकि कुछ देश अपनी सक्रियता और सूझ-बूझ के दम पर इसे अपने नियंत्रण में कर लिया है. 25 जनवरी को जब पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का खतरा पूरी तरह से सामने भी नहीं आया था, चीन के बाहर सिर्फ दो देशों में संक्रमण के मामले सामने आए थे. ये देश थे- ऑस्ट्रेलिया और ताइवान.
ऑस्ट्रेलिया और ताइवान की आबादी लगभग बराबर ही है. दोनों देशों में करीब 2.4 करोड़ की आबादी रहती है. दोनों देशों के चीन से बेहतरीन व्यापारिक संबंध भी हैं. इतनी समानताएं होने के बावजूद, ऑस्ट्रेलिया में जहां अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 5000 मामले सामने आ चुके हैं वहीं ताइवान में संक्रमण के 400 से भी कम केस हैं.
इसका मतलब ये नहीं है कि ऑस्ट्रेलिया ने कोरोना वायरस से निपटने में गलतियां कीं क्योंकि 20 देशों में संक्रमण के इससे कहीं ज्यादा मामले हैं. लेकिन जब पूरी दुनिया कोरोना वायरस को रोकने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, ताइवान का कोरोना वायरस पर जीत हासिल करना हैरान करने वाला है. ताइवान खुद को संप्रभु देश मानता है लेकिन चीन समेत दुनिया के अधिकतर देश 'वन चाइना पॉलिसी' के तहत ताइवान को चीन से अलग मान्यता नहीं देते हैं.
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