करीब डेढ़ घंटे की प्रेस कॉन्फ्रेंस, पढ़ें- आर्थिक पैकेज पर वित्तमंत्री की हर बड़ी बात
Nirmala Sitharaman Press Conference: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज से जुड़ी जानकारी देते हुए कहा कि इसके भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. वित्त मंत्री ने कहा छोटे उद्योगों, कुटीर लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 6 नए कदम उठाए गए हैं.
- पीएम मोदी ने किया 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का ऐलान
- आर्थिक पैकेज से मध्यम, लघु और कुटीर उद्योगों को मिलेगा बूस्टर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया है. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आर्थिक पैकेज से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस पैकेज पर फैसला कई मंत्रालय और विभागों के बीच चर्चा के बाद लिया गया और पीएम मोदी खुद पैकेज पर चर्चा में शामिल रहे. इस पैकेज के जरिए ग्रोथ को बढ़ाना और भारत को आत्मनिर्भर बनाना है. इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है.
वित्तमंत्री ने कहा कि 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज मेंछोटे उद्योगों, कुटीर लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 6 नए कदम उठाए गए हैं. पढ़ें वित्तमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें..
>छोटे उद्योगों (MSME) को 3 लाख करोड़ का बिना गांरटी का लोन दिया जाएगा. इससे 45 लाख MSME को फायदा पहुंचेंगा.
> कुटीर लघु उद्योग के लिए 6 कदम उठाए हैं. जिसमें 2 EPF, 2 NBFC और 1 MSF से जुड़ा है.
>संकट में फंसे MSEM के लिए 20 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. 2 लाख एमएसएमई को इसका फायदा होगा.
>छोटे उद्योगों (MSEM) को एक साल तक EMI से राहत मिलेगी.
>ज्यादा टर्नओवर के बावजूद भी छोटे उद्योग का दर्जा खत्म नहीं होगा.
>एक करोड़ रुपये के निवेश वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी.
>कारोबार ज्यादा होने पर भी एमएमएमई का फायदा मिलता रहेगा.
>10 करोड़ निवेश या 50 करोड़ टर्नओवर पर छोटे उद्योग का दर्जा.
>15 हजार से कम वेतन वालों का EPF अगस्त तक केंद्र सरकार देगी. 72 लाख 22 हजार कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा.
>कर्मचारियों का 12 फीसदी की जगह 10 फीसदी ईपीएफ कटेगा. कंपनियों और कर्मचारियों को EPF में 10-10% पैसा देना होगा.
>नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के लिए 30 हजार करोड़ की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम.
>एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा. जिससे कोविड संकट के दौर में सभी उद्योग कारोबार कर सकें.
> बिजली वितरण कंपनियों की मदद के लिए 90 हजार करोड़ रुपये की इमरजेंसी लिक्विडिटी.
>कोरोना काल में रियल एस्टेट कंपनियों को RERA से छूट मिलेगी.
बता दें कि 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज देश की जीडीपी का करीब 10% है. प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही साफ कहा था कि इस आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग, श्रमिकों और मध्यम वर्ग को फायदा मिलेगा. इसके साथ ही भारतीय उद्योग जगत को भी नई ताकत देगा.
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